काव्य-लहरियाँ


अपनी व्यावसायिक-भूमि अंडमान के अपने जीवन-अनुभव, दृष्टि-अनुभव और भाव-अनुभव को काव्य-रूप में प्रस्तुत करने वाले विजय अंडमानी जी मूल रूप से जम्मू से हैं और उनका निवास भोपाल में भी हैं। उनकी हर तेवर की कविताओं के संकलन ‘काव्य-लहरियाँ’ का संपादन किया है लोकप्रिय व वरिष्ठ साहित्यकार-विद्वान डॉ. व्यास मणि त्रिपाठी जी ने।
‘काव्य-लहरियाँ’ पाठकों के लिए अब आपके समक्ष है।

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