ज्योतिष के मुख्य बिन्दु


हमारी संस्कृति में धार्मिक कर्मकाण्डों की बहुत मान्यता है। हमारे सारे संस्कार ऋषिनिर्दिष्ट श्रुति-स्मृतिविहित विधियों पर ही चलते हैं। उसमें पंचांगों का अधिक उपयोग होता है। यदि पंचांगों का अच्छा से अध्ययन किया जाए तो व्यावहारिक ज्योतिष की अच्छी जानकारी हो जाती है। … ‘ज्योतिष के मुख्य बिन्दु’ के रचनाकार आदरणीय मार्कण्डेय शारदेय जी का मानना है कि ज्योतिर्वेद में अभिरुचि से ही इस पुस्तक का स्वरूप तैयार हुआ है।

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