BHARTI VEERANGANA


हर युग के इतिहास में भारतीय महिलाओं की शौर्य गाथाओं का प्रमुखता से वर्णन मिलता है। भारत में सदैव नारी को आदर और श्रद्धा की देवी माना गया है। अवसर आया तो इसी नारी ने चंडी का भी रूप धरा और अपनी अदम्य शक्ति का लोहा मनवाया। भारतीय वीरांगनाओं का जिक्र किए बिना 1857 से 1947 तक की स्वाधीनता की दास्तान अधूरी है। राजेंद्र श्रीवास्तव जी की उन्हीं वीरांगनाओं की कहानियों को डोगरी में अनूदित किया है ज्योति शर्मा जी ने। ‘भारती। वीरांगनां’ आपके समक्ष है।

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