BHARTI VEERANGANA
हर युग के इतिहास में भारतीय महिलाओं की शौर्य गाथाओं का प्रमुखता से वर्णन मिलता है। भारत में सदैव नारी को आदर और श्रद्धा की देवी माना गया है। अवसर आया तो इसी नारी ने
हर युग के इतिहास में भारतीय महिलाओं की शौर्य गाथाओं का प्रमुखता से वर्णन मिलता है। भारत में सदैव नारी को आदर और श्रद्धा की देवी माना गया है। अवसर आया तो इसी नारी ने
प्रो रामदरश मिश्र की छठी डायरी पुस्तक ‘सुख-दुख के राग’ उनकी दीर्घ जीवन-यात्रा की साक्षी है। यह साक्ष्य प्रस्तुत करती है कि अभी भी उनके मन में सर्जनात्मकता स्पंदित हो रही है और वे अपने
बिहार के भोजपुर जिला में जन्मीं तथा थलसेना में कार्यरत पिता के साथ भारत के कई राज्यों से अपनी शिक्षा संपन्न करनेवाली शोभा मिश्रा जी दिल से कवयित्री व विद्यार्थी तथा पेशे से एक शिक्षिका
भारतीय संस्कृति समासिकी है फिर भी यहाँ के लिए नारीवाद के मायने अन्य समाजों से अलग नहीं हैं। भारतीय महिलाओं के लिए समान राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक अधिकारों को परिभाषित करने, स्थापित करने, समान अवसर
प्रो रामदरश मिश्र की छठी डायरी पुस्तक ‘सुख-दुख के राग’ उनकी दीर्घ जीवन-यात्रा की साक्षी है। यह साक्ष्य प्रस्तुत करती है कि अभी भी उनके मन में सर्जनात्मकता स्पंदित हो रही है और वे अपने
Literature, Culture, and Society edited by Naqui Ahmad John and Abul Foyes Md Malik in its critically assorted forty-eight chapters try to re-establish the centrality of literature in society and culture. A rich canon of
‘एक आम आदमी की ज़िन्दगी’ आदरणीय किशोर कालेत जी के नवीनतम उपन्यास का नाम है। किशोर कालेत जी भारतीय स्टेट बैंक के विभिन्न पदों पर कार्य करते रहे हैं। स्वैच्छिक अवकाश के बाद अब स्वतंत्र
डॉ अशोक कुमार ‘मंगलेश’ जी हिंदी और अनुवाद साहित्य के आज एक ऐसे विशिष्ट रचनाकार हैं जिनकी बहुमुखी प्रतिभा, प्रयोगधर्मिता के सांचे में ढलकर, नित नए साहित्यिक कीर्तिमान उद्घाटित करती है। स्वैच्छिक रक्तदान केंद्रित हिंदी
जब-जब, जहाँ-जहाँ श्रीराम को वर्णित किया जायेगा, लंकापति रावण का वर्णन तब-तब, वहाँ-वहाँ अवश्यंभावी रूप से किया जायेगा, इस सत्य के विपरीत भी कि इतिहासवेत्ता, विजेता को सर्वशक्तिमान, सर्वगुणसम्पन्न ही घोषित करते आये हैं और