Neelkanth
कन्हैया सिंह ‘सदय’ जी एक ऐसे लोकप्रिय कवि हैं जो अपनी रचनाओं को अनुभवजनित रूप से अधिक प्रस्तुत करते हैं। वे मानते हैं कि उनकी साहित्यिक अभिरूचि का अंकुरण तब हुआ जब वे काॅलेज का विद्यार्थी थे। सन् 1965 में जमशेदपुर आये कुछ साहित्यानुरागियों से संपर्क हुआ और उनकी सलाह से वे अपनी साहित्यिक भावनाओं को आकार देना शुरू दिए। उनकी पहली हिन्दी कविता ‘चरम सीमा’, ‘आजाद मजदूर’ (साप्ताहिक, जमशेदपुर) के 1 अगस्त 1971 अंक में प्रकाशित हुई और आज उनका पहला कविता-संग्रह आपके समक्ष है।
आज उनका हिंदी कविता संग्रह ‘नीलकंठ’ प्रस्तुत करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है। पुस्तक का आवरण सुश्री अनु प्रिया जी की तूलिका से सँवरी है।