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Batakahi Banaras Ki

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घाटों और अखाड़ों का शहर कहा जाता है बनारस को। आस्था और अल्हड़ता का शहर कहा जाता है बनारस को। यहाँ का खान और पान की तरह यहाँ का कण-कण अद्भुत हैं। ‘बनारस ऐसा शहर है जो दिल में उतरता है, लेकिन समझ में नहीं आता…। इतना अनछुआ है कि आप छू नहीं सकते …। बस, गंगाजल की तरह अंजुली में भर सकते हैं…।’ पेशे से पत्रकार आदरणीय विजय विनीत जी की पुस्तक ‘बतकही बनारस की’ में आप हर बनारसी रंग देखेंगे, इसका पूर्ण विश्वास है।

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SKU: 978-9390502943 Category:

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