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Geet Manjari

180.00

जनकवि, किसानकवि, भोजपुरी के तुलसीदास और सबसे बढ़कर खाँटी माटी के सच्चे पूत रामजियावन दास ‘बावला’ जी का पुण्य स्मरण करते हुए उनके भजनों के नवीन संग्रह ‘गीत-मंजरी’ प्रस्तुत किया जा रहा है। यह उनके प्रति हमारी श्रद्धांजलि भी है। पुस्तक का संपादन गीत-पुरुष हरिराम द्विवेदी और आदरणीय जयशंकर प्रसाद द्विवेदी जी कर रहे हैं।

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