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HINDI UPANYAS : ADHUNIK AUR SAMAKALIN
₹420.00
उपन्यास विधा को अपने परिवेश के यथार्थ, द्वन्द्व और बदलाव का प्रामाणिक बयान मानना उचित है। उपन्यास अपने समय, समाज, राजनीति, संस्कृति के मूल्यों और उनके उन्नयन-विचलन का विश्वस्त साक्षी है। परिवेश-बोध के साथ पाठकीय संवेदना को समृद्ध करना भी उसका दायित्व है। ‘हिंदी उपन्यास : आधुनिक और समकालीन’ में प्रख्यात आलोचक डॉ वेदप्रकाश अमिताभ जी द्वारा हिन्दी के कुछ ऐसे ही उपन्यासों का अनुशीलन किया गया है, जो अपने जनधर्मी ‘कथ्य’ और आकर्षक अभिव्यंजना के फलस्वरूप जाने गए हैं, सराहे गए हैं। पात्र और परिवेश के अनुरूप भाषा में संप्रेषणीय इन उपन्यासों की सामाजिक जबाबदेही, सकारात्मक विजन आदि को रेखांकित करके उपन्यासों को पाठकीय कसौटी पर परखा गया है। बगैर किसी विमर्श मतवाद और पूर्वग्रह के दबाव से सम्पन्न यह मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ होने से ध्यानाकर्षक है। हिन्दी उपन्यास के विकास और उपलब्धियों से अवगत होने के लिए महत्वपूर्ण पठनीय कृति है।
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