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Jhanaki Baje Ho

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‘झनकि बाजे हो’ हिंदी-भोजपुरी के प्रसिद्ध कवि-आलोचक डॉ बलभद्र की व्यक्ति व्यंजक निबंधों का भोजपुरी संग्रह है। यह संग्रह भोजपुरी निबन्ध साहित्य की एक बड़ी और अद्वितीय उपलब्धियों का प्रस्तुतीकरण है। विद्यानिवास जी के ही अनुसार, व्यक्ति व्यंजक निबन्ध व्यक्ति का व्यंजक नहीं होता, वह व्यक्ति के माध्यम से व्यंजक होता है। यानि जो कुछ भी लेखक के अनुभव के दायरे में आता है, उसे वह लोगों तक पहुँच पाने वाली भाषा की कड़ाही में छौंक देता है तब जो पककर निकलता है, वह व्यक्ति-व्यंजक निबन्ध बनता है। कहना न होगा कि इस संग्रह के निबन्ध, निस्संदेह, इसी रचना-प्रक्रिया के साक्षी है।

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