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KANTIPATI DOHAWALI

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दोहे के प्रभावोत्पादक महत्ता के कारण संभवतः श्री नंदलाल सिंह ‘कांतिपति’ ने अपनी इस महत्त्वपूर्ण और उपयोगी कृति ‘कांतिपति दोहावली’ में एक हजार से अधिक दोहे लिखकर आधुनिक समाज को प्रत्येक बुराई से बचने के लिए, भ्रष्टाचार से सदाचार की ओर अग्रसर होने के लिए, शिक्षित-साक्षर होकर विकास की प्रमुख धारा से जुड़ने के लिए और मानव होने का सही उद्देश्य बताते हुए सम्पूर्ण जगत में मानवता स्थापित करके ज्ञान-विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कला, शिल्प आदि के माध्यम से अपने चरम-परम लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया है। मानवीय मूल्यों को स्थापित करने में नीति (धर्मनीति), संस्कृति और सुकृति का महत्त्वपूर्ण स्थान रहता है। ‘कांतिपति’ जी ने अपनी दोहावली में इसी पद्धति का संबल लिया है।

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SKU: 978-81-945349-9-0 Category:

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