Sale!

Maine Alam Dekha Hai

100.00

कभी-कभी जब आमद का शेर अथवा ग़ज़ल हो जाती है तब एक बार ऐसा महसूस होता है कि ग़ज़ल कहना नितांत सरल कार्य है। दिल झूम कर अपनी ही तारीफ़ में कह उठता है ‘अरे वाह! हम क्या कह गये!’ पर हम भूल जाते हैं इसके पीछे तवस्सुफ़ और तसव्वुर की एक पूरी क़ायनात लगी रही है। कोई बात देर तक दिलो-दिमाग को मथती रहती है, उसमें घुलती रहती है जब कहीं वह शेर या ग़ज़ल का आकार ले पाती है। यह सच है शायरी दिल की चीज़ होती है और दिल में अपना राह बनाती है। दिल लगता है तो दिमाग़ भी लगाना होता है।

 

5 in stock

SKU: 978-8194534914 Category:

Reviews

There are no reviews yet.

Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.