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SUKH-DUKH KE RAAG

280.00

प्रो रामदरश मिश्र की छठी डायरी पुस्तक ‘सुख-दुख के राग’ उनकी दीर्घ जीवन-यात्रा की साक्षी है। यह साक्ष्य प्रस्तुत करती है कि अभी भी उनके मन में सर्जनात्मकता स्पंदित हो रही है और वे अपने माध्यम से परिवेश-जीवन की समकालीन गतिविधियों को रूपायित कर रहे हैं। उनकी डायरी दैनिक जीवन के सामान्य क्रिया-कलापों का विवरण नहीं होती, उसमें कविता की आभा भी होती है, निबंध मूलक चिंतन भी होता है, कथा-रस भी होता है, व्यक्ति, समाज, राष्ट्र की समस्याओं के प्रति सोच-विचार भी होता है। यानी कि उनकी डायरी पूरी सर्जनात्मक आभा से दीप्त होती है। आज श्री विवेक मिश्र जी द्वारा संपादित प्रो रामदरश मिश्र जी की छठी डायरी पुस्तक ‘सुख-दुख के राग’ प्रस्तुत करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है।

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SKU: 9789395518024 Category:

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