MANGAL PRABHAT KI PRATIKSHA ME

मनोविद्, विचारक एवं संस्कृति के अध्येता प्रो. गिरीश्वर मिश्र हिन्दी साहित्य के एक लोकप्रिय सेवक हैं। विगत पांच दशकों के शैक्षिक एवं अकादमिक जीवन में गोरखपुर, इलाहाबाद, भोपाल तथा दिल्ली विश्वविद्यालय में प्राध्यापन के बाद महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति पद से सेवानिवृत्त हुए प्रो मिश्र समाज, शिक्षा, संस्कृति, भाषा और साहित्य से जुड़े प्रश्नों पर पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेखन करते रहे हैं। आज उनकी विचारात्मक लेखों की पुस्तक ‘मंगल प्रभात की प्रतीक्षा में’ प्रस्तुत करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है।